दिल्ली के महानगरीय भीड-भाड से निकल के अपना भूचड देहात में जाय के मौका कमे मिलेला.दिवाली-छ्ठ के मोका पर घरे जाय के अवसर मिलल.एगो निश्चित उद्देश्य ले के पहिले गईनी लेकिन कुछ कारण बस ई काम ना हो सकल.एकरा पर अगिला बेर विशेष बात होई.एमकी दाव गांव में उ आनंद ना मिलल जवन पहिले के हर यात्रा में मिलत रल.पैक्स के होखे वाला चुनाव इहां के सारा व्यवस्था बदल देले रहल.भेंट भइला पर लोग समाचार पुछे के जगे पर चुनावी समीकरण पर ही ज्यादा बात करे.लागल की गंवई शैली एकदम अपने आप के चुनावी रंग में रंग के अपन मूल विशेषता ही खो देले बा.१९ अक्टूबर के चुनाव भईल.परिणाम उहे आइल जइसन पूरा देश के अभी के राजनीतिक समां बा-वंशवाद के विजय.मुखिया के बेटा ही अंत में जीतल.
इ उधेडबुन आ जीत-हार के कथा अभी विसर्जित ना भइल रहे ताले छ्ठ आ गईल.हर साल लखा “अभिरंग कला परिषद’’ के सदस्य लोग रास्ता आ देव स्थान के सफ़ाई में लाग गईल. छ्ठ त होला एगो सरकारी तालाब में जवन की अपना समय में बहुत बडका रहे बाकिर अब कुछ लोग ओकरा के छेक के साफ़ छोट क देले बा.बहुते प्रयास के बाद भी अभी तक एकर सफ़ाई संभव नईखे हो पाईल.
छ्ठ घाट पर देखे में आइल कि पहिले एतना लोग अब नइखे आवत.अब अइसन लागता कि जेतना लोग गांव से पलायन कइल बा उ लोग अब नइखे आवत. बाकिर कुछ लोग जरूर आईल रहे जेकरा साथ रहे में मन लागल .छ्ठ ठीक से संपन्न हो गईल.
हमर गांव “पजिअरवा’’ में जनम लेवे वाला प्रत्येक आदमी के इ सपना रहल की इ गांव कब सडक आ बिजली से जुडी.हमरा मन परता कि हमनी बचपन में गांव से बाहर जाए ला आधा किलोमीटर पानी हेल के बाकी पांच किलोमीटर पैदल तब जाके रोड चाहे स्टेशन पहुंचल जाए. लेकिन कुछ दिन पहिले आधा रास्ता ‘मुख्यमंत्री ग्राम्य सडक योजना’ से बनल रहे आ बचल पर अभी देखनी की ‘प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना’ के अंतर्गत काम चालू बा.भारत सरकार के योजना ‘राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना’ से गांव में बिजली त पहुंचल लेकिन उहो आधा गांव में आधा अभी बाकी ही बा. बिजली आ सडक पहुंचला से लोग के जीवन स्तर में कुछ सुधार मह्सूस कइल जा सकता. अभी कुछ दिन पहिले तक बैट्री के आभाव में मोबाईल कई दिन तक बंद रहत रहल लेकिन अब अइसन नइखे. टेलीविजन आ सेटेलाईट एंटिना के संख्या भी बडत जाता.
सुविधा बढला से लोग आपस में कटे लागल अईसन हमरा बुझाता. बिजली रहला पर लोग टीवी देखी लेकिन दोसर से मिले आ बात करे ना जाइ.लेकिन हमनी के “अभिरंग कला परिषद’’ के माध्यम से आपसी मतभेद के भुला के साथ रहे के प्रयास करतानी सन ,जेमे सफ़ल भी बानी सन .एकरा के और बेहतर करे के सोच के साथ फ़ेर दिल्ली आ गइनी. एमकी दाव लागल की गांव भी अब शहर बने के रास्ता पर अग्रसर बा.